गूगल दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज़्यादा इस्तेमाल करे जाने वाला सर्च इंजन है । बिना गूगल के अब हमारी ज़िन्दगी अधूरी है । किसी का भी कोई दिन कम से कम एक बार गूगल खोले बिना नहीं जाता । गूगल की अलग अलग सेवाएं जैसे गूगल ड्राइव , जीमेल , गूगल मैप्स और सबसे ज़रूरी गूगल एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना हमारा गुज़ारा नहीं है । पर आपको यह जान कर बहुत हैरानी होगी की आपके गूगल पर सर्च करने से आप प्रदूषण में बड़ा योगदान दे रहे है ।
हार्वर्ड की रिपोर्ट के अनुसार गूगल इतने “उत्तम” सर्च परिणाम इसलिए हमे दिखा पाता है क्योंकि वह विभिन्न देशो के डेटाबेस इस्तेमाल करता है। इन शक्तिशाली और भारी सर्वर्स को काम करने के लिए चाहिए बहुत सारी ऊर्जा , ताकत और साधन। इनको ठंडा रखना ज़रूरी होता है और ठंडा रखने में यह योगदान देता है CO2 emissions को हवा में। गूगल के इतने तेज़ और सही सर्च परिणाम की वजह से गूगल अपने प्रतियोगियों से ज़्यादा प्रदूषण पैदा करता है।
अध्ययन कहता है के अपने कंप्यूटर से की गयी एक गूगल सर्च लगभग 7 mg तक CO2 पैदा करता है और आपकी हर सर्च यह मात्रा को दोगुना कर देता है । गूगल पर रोज़ लगभग 300 million से ज़्यादा सर्च की जाती है ।
US की एक स्टडी के अनुसार गूगल एक दिन में उतना CO2 पैदा करता है जितनी 9,333 गाड़ियां एक किलोमीटर चल कर करती है ।
गूगल ने यह आरोप साफ़ खारिज कर दिया है। गूगल के डिप्टी चेयरमैन का कहना की यह आंकड़े बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताये गए है और असल CO2 emission बताये गए आंकड़ों से 1/३ भी नहीं है ।
गूगल के Urs Hölzle ने समझाया की एक गूगल सर्च सिर्फ 1 kJ खपत करता है और एक गाड़ी जो 1 किलोमीटर चली है वह उतना CO2 पैदा करती है जितना गूगल पर रोज़ की गयी हज़ारो सर्च ।
गूगल ने पिछले सालो में 100 करोड़ से ज़्यादा खर्चा eco-friendly तथा clean energy में किया है । गूगल का लक्ष्य है की आने वाले सालो में 54 million tones से ज़्यादा CO2 emissions में कटौती की जाए जो हर साल गूगल सर्च से हर साल पैदा होती है ।
इस बारे में आपके क्या विचार है ? क्या आप इस बात की सचाई पता करने के लिए गूगल पर सर्च करेंगे ? बताइए हमे comments में !
1 Comment
Harpreet · August 15, 2018 at 9:58 am
Wow never knew that..